म्यूचुअल फंड की गलतफहमि : म्यूचुअल फंड सही है। ये तो सब बोलते है। लेकिन म्यूचुअल फंड उन लोगों के लिए बिल्कुल भी सही नही है जो इसकी गलत फेहमियों का शिकार है और investment से बिना मतलब के दूर भागते है।
जी हा साथियों !
काफी सारे लोग है जो सोचते है की अपने कमाए हुए पैसों से कुछ पैसे बचा कर या फिर और ज्यादा पैसे कमा कर उन पैसों को म्यूचुअल फंड में निवेश करेंगे और भविष्य में अच्छा रिटर्न प्राप्त करेंगे।
लेकिन वो कभी म्यूचुअल फंड में निवेश ही नही कर पाते है। क्योंकि लोगों के माध्यम से या गलत जानकारी के कारण उन लोगों के मन में म्यूचुअल फंड को लेकर कुछ बहुत ही बड़ी गलतफहमियां पैदा हो जाती है।
और वो गलतफहमियां इतनी खतरनाक होती है की लोग कभी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बारे में सोचते भी नही है।
आइए जानते है उन गलतफहमियों को :
1. काफी ज्यादा पैसा होना जरूरी
लोगों के अनुसार म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको काफी ज्यादा पैसों की आवश्यकता होती है।
सच्चाई : ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि म्युचुअल फंड आप जैसे कई सारे निवेशकों से पैसे जमा करता है और उन जमा किए हुए पैसों को तब जाकर कहीं निवेश करता है।
आप अपनी म्युचुअल फंड की शुरुआत ₹500 से भी कर सकते हैं। कई म्युचुअल फंड कंपनी ऐसी भी होती है जहां आप ₹100 से भी शुरुआत कर सकते हैं। यह आपके म्युचुअल फंड कंपनी के ऊपर निर्भर करता है।
2. एक्सपर्ट नहीं तो निवेश नहीं
बहुत से लोग यह सोचते हैं कि अगर आप एक एक्सपर्ट नहीं हो तो आपको म्युचुअल फंड से दूर ही रहना चाहिए वरना आपके पैसे डूब सकते है।
सच्चाई : ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि म्युचुअल फंड को परिभाषा को अगर आप सही से समझोगे तो उससे आपको पता चलेगा कि वह पैसे जो म्युचुअल फंड उठाते हैं या जमा करते हैं उन्हें एक्सपर्ट के द्वारा निवेश किया जाता है। ना के कोई भी मामूली इंसान से।
एक्सपर्ट पहले अच्छे से मार्केट की जानकारी निकलते हैं तब कहीं जाकर निवेश करते हैं।
3. डिमैट अकाउंट की आवश्यकता
यह तो काफी सारे लोगों की गलतफहमी है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए डिमैट अकाउंट तो होना ही चाहिए।
सच्चाई : ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको बस आपकी केवाईसी की आवश्यकता होती है। जब आप अपनी केवाईसी करवा लेते हो तब आप म्युचुअल फंड में निवेश कर पाते हो।
4. काफी ज्यादा बार KYC की आवश्यकता
लोगों के अनुसार अगर वह म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो उन्हें काफी बार केवाईसी करवाना पड़ता है।
सच्चाई : म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको बार-बार केवाईसी करने की आवश्यकता नहीं होती है। बस एक बार केवाईसी करनी पड़ती है जब आप अपना म्युचुअल फंड अकाउंट खोलते है।
5. म्युचुअल फंड सिर्फ इक्विटी ( Equity ) में निवेश करते हैं
लोगों के मुताबिक अगर आप म्युचुअल फंड में निवेश करते हो तो इसका मतलब यह है कि आप सिर्फ इक्विटी में निवेश करते हो।
सच्चाई : म्युचुअल फंड कई प्रकार के होते हैं। कुछ म्युचुअल फंड ऐसे होते हैं जो सिर्फ इक्विटी में निवेश करते हैं और कुछ म्युचुअल फंड ऐसे भी होते हैं जो बंद में निवेश करते हैं।
और कई म्युचुअल फंड ऐसे भी होते हैं जो बंद इक्विटी दोनों में ही निवेश करते हैं। अभी आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के म्युचुअल फंड में निवेश करते हो।
आप जिस म्युचुअल फंड के प्रकार में निवेश करोगे आपके पैसे भी उसी आधार पर निवेश होंगे।
6. म्युचुअल फंड सेफ लॉन्ग टर्म के लिए सही है
लोग कहते है की अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हो तो ही आपको मेरे लोन में निवेश करना चाहिए।
सच्चाई : अगर एक्सपर्ट की माने तो उनके अनुसार हमें म्युचुअल फंड में लॉन्ग टर्म ( Long Term ) के लिए निवेश करना चाहिए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम शॉर्ट टर्म ( Short Term ) या फिर मीडियम टर्म ( Medium Term ) के लिए इस में निवेश नहीं कर सकते है।
मार्केट में सभी तरह के म्युचुअल फंड उपलप्ध है। आप अपने लक्ष्य के अनुसार किसी में भी निवेश कर सकते हो।
अगर आपके लॉन्ग टर्म goals है तो आप लॉन्ग टर्म म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हो। शॉर्ट टर्म है तो शॉर्ट टर्म और अगर मीडियम टर्म है तो आप वो भी कर सकते है।
7. रिटर्न की गारंटी होती है ( Guaranteed Returns )
लोग मानते हैं कि अगर वह किसी म्युचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं और उन्हें जो भी रिटर्न बताया गया है उन्हें उतना ही रिटर्न मिलेगा ना ज्यादा ना कम।
सच्चाई : जब आप म्युचुअल फंड के बारे में अच्छे से जानकारी निकलोगे तो आपको एक स्टेटमेंट मिलेगा। “ Mutual funds are subjected to market risk “।
इस स्टेटमेंट का मतलब यह होता है कि म्यूचुअल फंड में रिस्क शामिल होता है। जिस वजह से रिटर्न कम या ज्यादा हो सकते हैं।
म्यूचुअल फंड की गलतफहमि – Conclusion
गलतफहमी लोगों को सिर्फ म्युचुअल फंड में ही नहीं बल्कि काफी सारे विषय में होती है। लेकिन समझदार वह है जो अपनी उन गलतफहमियों को दूर करते हैं। फिर तब कहीं जाकर कोई फैसला लेते हैं।
साथियों आज हमने यह तो जान लिया कि म्यूचुअल फंड की गलतफहमी आखिर क्या क्या है। लेकिन म्युचुअल फंड के बारे में बस यही जानना काफी नहीं है और भी कई सारी चीज़ें है जानने के लिए।
जैसे म्युचुअल फंड क्या है, म्युचुअल फंड के कितने प्रकार होते हैं, म्युचुअल फंड में कैसे निवेश करें आदि।
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